अक्षरधाम मंदिर : भारत के सबसे बड़े हिन्दू मंदिरों में से एक अक्षरधाम मंदिर की कहानी ...?

Akshardham Temple history 

अक्षरधाम परिसर नई दिल्ली में स्थित है। जो एक हिन्दू मंदिर है, जिसे स्वामी नारायण अक्षरधाम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत के सबसे बड़े हिन्दू मंदिर परिसरों में से एक है जिसका अधिकारिक उद्घाटन डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा 6 नवंबर 2005 को हुआ था, जिसके बाद इसे सभी पर्यटकों के लिए सार्वजनिक रूप से खोल दिया गया था। 

इस भव्य  मंदिर ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपनी जगह बनाई है और दुनिया का सबसे बड़ा व्यापक हिन्दू मंदिर होने का पुरस्कार जीता है। साथ ही इसे 17 दिसम्बर, 2007 को अंतर्राष्ट्रीय संगठन द्वारा दुनिया में सबसे बड़ा व्यापक हिन्दू मंदिर भी घोषित किया गया है। 

स्वामी नारायण परिसर में हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार अक्षरधाम शब्द का अर्थ भगवान के घर से है और भगवान के भक्तों का ऐसा मानना है कि अक्षरधाम भगवान का निवास स्थान हुआ करता था। इस मंदिर को जटिलतापूर्वक फुलों, पशु, नर्तकों, संगीतकारों और अनुयाइयों द्वारा सजाया गया है।


Akshardham Temple history
अक्षरधाम मंदिर

दर्शनिय स्थल :

अक्षरधाम मंदिर या स्वामीनारायण मंदिर यमुना नदी के तट पर बना हुआ है। जो शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। यह मंदिर किसी एक धर्म को बढ़ावा नहीं देता है, बल्कि सभी धर्मों के अनुयाईयों से अपने धर्मों को सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से अपनाने का आग्रह करता है।

इस खूबसूरत मंदिर में भगवान स्वामी नारायण की शिक्षाओं और मान्यताओं को संकलित और दर्शाया गया है। मंदिर के अंदर आप : कमल बाग, म्यूजिकल फाउंटेन Show,यग्नपुरूष कुण्ड(संगीतमय फव्वारा),गार्डन ऑफ इण्डिया,विशाल फिल्म स्क्रीन,गजेन्द्र पीठ,Culture विहार,नीलकंठ(रंगमंच),10 द्वार इन खुबसूरत नजारों को देख सकते हैं। 

संस्था :

अक्षरधाम परिसर का निर्माण "बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामी नारायण संस्था" (BAPS) "Bochasanwasi Akshar Purushottam Swaminarayan Sanstha" के प्रयासों के साथ-साथ हजारों कारीगरों और BAPS स्वयंसेवकों की मदद से केवल सात वर्षों में पूरा हुआ है।

मंदिर 83,342 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें 350 फिट लम्बे, 315 फिट चौड़े और 141 फिट ऊँचे स्मारक हैं, जो बेहद आकर्षक हैं। मंदिर की आन्तरिक और बाहरी संरचना इस तरह से डिजाइन की गई है कि यह कम से कम 10 हजार साल और चल सके। 

मंदिर का निर्माण :

इस मंदिर का निर्माण हिन्दू शिल्प शास्त्र के अनुसार ही किया गया है और साथ ही दूसरे ऐतिहासिक हिन्दू मंदिरों की तरह ही इसमें भी मेटल का उपयोग नहीं किया गया है। साथ ही इसमें स्टील और क्रांकिट का उपयोग भी नहीं किया गया है। 

मंदिर को महर्षि वास्तु आर्किटेक्चर के अनुसार ही डिजाइन किया गया है जो मुख्य रूप से राजस्थानी गुलाबी संगमरमर,बलुआ पत्थर और इटालियन कर्रारा मार्बल से बनाया गया है। 

अक्षरधाम मंदिर की मुख्य ईमारत एक सरोवर से घिरी हुई है, जिसे नारायण सरोवर के नाम से जाना जाता है। इस सरोवर में देश की लगभग 151 विशाल सरोवरों और नदियों का पानी भरा हुआ है। इसके साथ ही इसके पास ही में 108 गौ मुँँख भी बने हुए हैं जो 108 हिन्दू देवी-देवताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।

अक्षरधाम परिसर में लगभग 1 लाख से अधिक पर्यटक हर सप्ताह घुमने के लिए आते हैं, जहाँँ पर लगभग 800 स्वयंसेवक प्रतिदिन कार्यरत् रहते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि अक्षरधाम मंदिर दिल्ली शहर का एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल बन गया है जिसकी खूबसूरती स्वर्ग से कम नहीं है। 

अगर आप दिल्ली गए हो और इस मंदिर को नहीं देखा तो आप बहुत कुछ मिस कर दोगे। इसलिए अगर आप जब भी दिल्ली जाओं तो इस मंदिर को एक बार देखना तो बनता है।  

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